Thursday, 24 April 2025

खटका-मूर्की Khatka Murki

 खटका-मूर्की Khatka-Murki

1. खटका और मूर्की दोनों शब्दों में मतभेद है। अधिकांश विद्वानों द्वारा मान्य इनकी परिभाषा इस प्रकार है –
चार अथवा चार से अधिक स्वरों की एक गोलाई बनाते हुए जैसे: स, रे, नि, स अथवा उसके आगे-पीछे के स्वरो से द्रुत गति में गोलाई बनाते हैं और उसी स्वर पर समाप्त करते हैं जिसे कोष्ठक में बंद किया जाता है। 

2. खटका और मूर्की में केवल स्वरो की संख्या का अंतर होता है। मूर्की में इस तरह लिखते है । जैसे:

मूर्की का प्रयोग टप्पा, ठुमरी, दादरा में होता है। मूर्की प्राचीन स्फुरित गमक में आती है।  

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