Sunday, 13 April 2025

आलाप Aalaap definition in music

 आलाप 

किसी भी राग का गायन वादन एकदम सीधे शुरू नहीं किया जाता, उसके आलाप से किया जाता है। राग के मुख्य स्वरों का विलम्बित (slow) लय में विस्तार करना आलाप कहलाता है। जिसको वर्ण, गमक, मींड, खटका, मुर्की आदि से सजाया जाता है। 

गायक या वादक आलाप द्वारा स्वरो का स्वरूप प्रस्तुत करता  है और अपने मन की भावनाओं को प्रकट करता है। आलाप भाव प्रधान होता है। गायन में आलाप  दो प्रकार से होता है– पहला आकार से और दूसरा नोम-तोम आदि शब्दों से। 

आलाप मुख्यता दो जगहों पर किया जाता है। एक तो गीत या गत से पहले जो कि ताल रहित होता है। और दूसरा गीत या गत के बीच-बीच में जो कि ताल बद्ध होता है। 

नोम-तोम का आलाप चार भागों स्थाई, अंतरा, संचारी और आभोग में बाँट दिया जाता है। आलाप करने से राग का पूरा माहौल बन जाता है, जिसका आनंद सभी लोग लेते हैं। 

वादक कलाकर पहले आलाप करते है। फिर जोड़ आलाप करते है। जोड़ झाला बजाने के बाद गत शुरू करते है। गायक कलाकार पहले आकार या नोम-तोम में आलाप कर गीत आरंभ करते है, जिससे राग का रस निरंतर बना रहता है।

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