Tuesday, 29 April 2025

उस्ताद इनायत ख़ान ustad Inayat khan

 ustad Inayat khan उस्ताद इनायत ख़ान (सितार वादक)

जन्म एवं शिक्षा: प्रसिद्ध सितार वादक उस्ताद इनायत ख़ान का जन्म 16 जून 1895 को इटावा में हुआ था।आपके पिता इमदाद खाँ एक अच्छे सितार वादक थे। इनायत खाँ अपने पिता के साथ काफी समय इंदौर दरबार में रहे और वहीं पिता द्-वारा आपको सितार की शिक्षा मिली। और अपने भाई वहीद खाँ से सुरबहार (instrument) सीखा। 

नियुक्त: पिता के देहांत के बाद आप कलकत्ता आ गए और वहाँ गौरीपुर रियासत में आपको सम्मान से नियुक्त किया गया।

संगीत जगत को देन
1. वादन शैली: इनके सितार वादन में अनोखापन था और वह भाव था। सितार के आलाप अंग पर आप विशेष जोर देते थे। उस समय आपकी कलाकारी के कारण  सितार  वादन बहुत लोकप्रिय हुआ और इनकी वादन शैली भी सफलता के शिखर पर पहुँची क्योंकि इससे पहले 1 सितार वादन की स्वतंत्र वादन शैली कायम नहीं थी।

1. आपने कलकत्ता में अपने अनेकों शिष्यों को अपनी वादन शैली में निपुण किया। इस प्रकार इनकी वादन शैली को बहुत सम्मान दिया।

2. आपने सितार पर बजाई जाने वाली अनेक रचनाएँ बनाई। 

3. आपके वादन में मिज़राब के बोल अलग प्रकार के थे।

4. आप रागो में विवाद स्वर का प्रयोग खूब करते थे।

5. आपके सितार वादन में स्वर, लय, और ताल का विशिष्ट काम था।

6. आपके घराने में जोड़ आलाप और ताल प्रधान है।

7. आप सुर बहार भी बजाते थे। इन्होंने कई जगह सुर बहार व सितार वादन का प्रदर्शन किया।

8. इनके शिष्य नक्षत्रों की भांति देश में अपनी चमक फैला रहे हैं। 
i) विलायत खाँ
ii) इमरत खाँ

9. आपको इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ ने सितार वादन के लिए इंग्लैंड में बुलाया था। 

10. राग बिहाग, मालकौंस, बागेश्वरी आदि आपके प्रिय राग थे।

संगीत के क्षेत्र में यह आपका ऐसा योगदान है जिसे संगीत जगत भुला नहीं सकता।

10 नवंबर 1938 को इनका देहांत हो गया। 

Monday, 28 April 2025

Soot sut सूत definition in music in hindi

 सूत 

यह क्रिया बिना पर्दे के तारों वाले साजों में प्रयोग की जाती है, जो मिज़राब या गज से बजाए जाते है। जैसे सारंगी,सरोद आदि। इन साजों में मींड का काम दिखाना सूत कहलाता है। बांए हाथ की उंगली से तार को दबा कर दांए हाथ से आवाज को बिना तोड़ते हुए बजाना होता है। इस की लय मध्य होती है।

Sunday, 27 April 2025

Ghaseet घसीट definition in music in hindi

 Ghaseet घसीट 

घसीट का अर्थ है तार पर उंगली को घसीटना। सितार पर घसीट का काम ज्यादा दिखाया जाता है। सितार वादन में किसी एक स्वर से दूसरे स्वर तक, मिज़राब के एक ही प्रहार से, बीच वाले स्वरों को स्पर्श करते हुए शीघ्रता से उंगली को घसीटते हुए ले जाने को घसीट कहते है। इस क्रिया में पहला स्वर और अंत वाला स्वर स्पष्ट सुनाई देता है। यह ध्वनि कानों को बहुत अच्छी लगती है। 

इस क्रिया का प्रयोग गज से बजाने वाले साजों पर भी किया जाता है। जैसे: सारंगी, इसराज आदि। इस साजों में मींड को ही  सूत या घसीट कहते हैं।

Saturday, 26 April 2025

कृन्तन krintan definition in music in hindi

 कृन्तन

मिज़राब के एक ही प्रहार से उँगलियों द्वारा बिना मींड लिए दो या दो से ज्यादा स्वर बजाने को कृन्तन कहते है। 

सितार पर ये क्रिया बाएँ हाथ की उंगलियों से पूरी होती है। इसमें दो या तीन उंगलियाँ एक के बाद एक स्वर बजाती हुई कृन्तन बनाती है। जैसे: स पर दूसरी उंगली रख कर तार छेड़ते हुए उसकी आवाज़ कायम रखते हुए तीसरी उंगली नी को छू कर हट जाए तो 'स, रे, स, नी, स' यह स्वर समूह बजाना ही कॄन्तन है। यह क्रिया दूसरे स्वरों पर भी की जा सकती है। 

Friday, 25 April 2025

जमजमा Zamzama in music

 Zamzama जमजमा 

जमजमा भी एक प्रकार की गमक है। जो स्फूरीत गमक के नाम से जानी जाती है। जमजमा तारवाद्य (सितार) तथा बाँसुरी आदि पर विशेष रूप में बनाया जाता है।  

परिभाषा: सितार में स्वरों को एक-साथ या एक-दूसरे के बाद एक ही आघात में जल्दी-2 बजाने से जो एक प्रकार की हिलती हुई आवाज उत्पन्न होती है, उसे जमजमा कहते है।

वादन क्रिया:  जमजमा उत्पन्न करते समय दो उंगलियाँ (दाएँ हाथ की) प्रयोग होती हैं। उनमें से एक उंगली सितार के पर्दे पर स्थित करती। और दूसरी हरकत करती है। उदाहरण के लिए ग,म,ग,स स्वर उत्पन्न करने के लिए पहली उंगली (तर्जनी) को ग के पर्दे पर स्थिर रखेंगे तथा दाएँ हाथ से मिज़राब द्वारा तार पर जोर से आघात करके आवाज को कायम रखते हुए बीच वाली उंगली से 'म' के पर्दे को बार-बार छू कर ग, म, ग, म, ग स्वर उत्पन्न होंगे। इस क्रिया को जमजमा कहते है।

Thursday, 24 April 2025

खटका-मूर्की Khatka Murki

 खटका-मूर्की Khatka-Murki

1. खटका और मूर्की दोनों शब्दों में मतभेद है। अधिकांश विद्वानों द्वारा मान्य इनकी परिभाषा इस प्रकार है –
चार अथवा चार से अधिक स्वरों की एक गोलाई बनाते हुए जैसे: स, रे, नि, स अथवा उसके आगे-पीछे के स्वरो से द्रुत गति में गोलाई बनाते हैं और उसी स्वर पर समाप्त करते हैं जिसे कोष्ठक में बंद किया जाता है। 

2. खटका और मूर्की में केवल स्वरो की संख्या का अंतर होता है। मूर्की में इस तरह लिखते है । जैसे:

मूर्की का प्रयोग टप्पा, ठुमरी, दादरा में होता है। मूर्की प्राचीन स्फुरित गमक में आती है।  

Tuesday, 22 April 2025

मींड Meend Definition in hindi in Music

 मींड 

किन्ही दो स्वरों का इस प्रकार गाने अथवा बजाने को मींड कहते है, जिससे  रिक्त-स्थान ना रहे। दूसरे स्वर में एक स्वर से दूसरे स्वर तक जाने को मींड कहते है। मींड लिखते समय बीच के स्वरो का स्पर्श इस प्रकार होता है कि वे अलग-अलग दिखाई नहीं पड़ते। उदाहरण स से म तक मींड लेते समय बीच के स्वरो का स्पर्श आवश्य होता है। किंतु वे अलग-अलग सुनाई नहीं देते। मींड लिखने के लिए स्वरो के ऊपर उल्टा अर्ध चंद्रकार बनाते है जैसे 

। मींड भारतीय संगीत की विशेषता है। इससे गाने में लोचा और रंजकता आती है। 

Features and procedure of obtaining information under right to information act, 2005.

Q. Explain the features and procedure of obtaining information under right to information act, 2005. [KUK 2017-18] Ans. FEATURES OF RIGHT TO...